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Tuesday, 25 April 2017

बहन की टाइट वर्जिन कुवारी चुत में लंड डाला

नमस्ते दोस्तो, आप सब का हिंदी सेक्स कहानिया हमारी देसी मस्तराम वेबसाइट  पर स्वागत है। यह कहानी मेरी और मेरे बहन की है जिसका नाम है बहन की टाइट वर्जिन कुवारी चुत में लंड डाला।
मेरे घर में हम पांच लोग रहते है, मम्मी, पापा मेरी एक बड़ी बहन में और मेरी एक छोटी बहन। मेरे पापा एक सरकारी स्कूल में शिक्षक है और मेरी मम्मी एक ग्रहणी और हम लोग एक सामान्य परिवार से है। हमारे घर में दो कमरे और एक हॉल और एक किचन है। दोस्तों सबसे पहले में आपको अपनी छोटी बहन का परिचय दे देता हूँ, उसका नाम ऋतुजा है और उसकी उम्र 20 साल है। उसके फिगर तो दोस्तों पूछो ही मत, क्या सेक्सी लगते है? में आपको उसके फिगर का साईज बता देता हूँ, 32-26-34 जिसको देखते ही किसी का भी लंड खड़ा हो जाए। ये मेरी छोटी बहन के साथ हुए वाकिये की है।
दोस्तों यह बात आज से करीब एक साल पहले शुरू हुई जब में घंटो बैठकर सेक्स कहानियाँ पड़ता रहता था और फिर मुठ मारकर ठंडा हो जाता था। तभी एक दिन मैंने सोच लिया कि आज से मुठ मारना बंद अब कुछ करते है, जैसा कि मैंने पहले आपको बताया कि हमारे घर में दो कमरे है, एक में मम्मी, पापा मम्मी और पापा और दूसरे कमरे में मेरी बड़ी दीदी उसके पास में मेरी छोटी बहन और में बिल्कुल आखरी में सो जाया करता था।
उस समय बारिश का मौसम था और हमारे यहाँ पर लाईट चले जाने की बहुत समस्या रहती है तो इसलिए हम लोग 11 बजे के आस पास सो जाया करते थे और हम जिस रूम में सोते थे उस रूम की लाईट बंद रहती थी, लेकिन हॉल की लाईट और घर के पीछे की रोड़ लाईट की रोशनी से हमारे रूम में हमेशा रोशनी रहती थी और जब भी लाईट जाती थी तो में बहुत खुश हो जाता था और रूम में पूरा अंधेरा हो जाता था और अब में मुठ मारना छोड़ चुका था, जिसकी वजह से मेरी सेक्स की भूख दिनों दिन बढ़ती ही जा रही थी तो में रात को मौका देखकर अपनी अंडरवियर खोलकर अपने लंड से खेला करता था, मेरा लंड करीब 8 इंच लंबा है और मोटा है और मुझे अपने लंड से खेलने में बहुत मज़ा आता था। एक दिन रात को करीब एक बज चुके थे और में अब भी अपने लंड से खेल रहा था और लाईट अभी भी नहीं गई थी और बारिश का मौसम होने की वजह से बाहर बहुत ज़ोर से बिजली कड़क रही थी, मेरे पास में हर रात की तरह मेरी छोटी बहन सोई हुई थी और हमारे दोनों के बीच में हमेशा एक तकिया रहता था। फिर मैंने देखा कि मेरी बहन का एक हाथ तकिए पर था। मैंने बहुत देर तक सोचा कि में क्या करूं क्या ना करूं? फिर ऐसा ही सोचकर सो गया, लेकिन अगले दिन में सुबह से ही सोचता रहा कि मुझे पिछली रात को कुछ करना था। फिर वो दिन गया और रात आई और उस दिन बहुत बारिश हो रही थी और में आज भी हमेशा की तरह अपने लंड से खेल रहा था। फिर मैंने देखा कि आज भी मेरी छोटी बहन का हाथ वहीं पर था और मैंने थोड़ी हिम्मत करके अपना लंड उसके हाथ में दे दिया और में ऐसे ही लेटा रहा। वो उस समय गहरी नींद में थी। फिर मैंने थोड़ी और हिम्मत की और उसका हाथ पकड़कर उसकी मुट्ठी को बंद कर दिया, जैसे कि उसने खुद मेरा लंड पकड़ा हो, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और में हल्के हल्के से दबा रहा था, थोड़ी देर बाद मैंने उसका हाथ हटाकर अपने हाथ से मुठ मारी और फिर सो गया।
अगले दिन फिर रात हुई और लाईट चली गई और उस समय सब लोग सोए हुए थे और में अकेला नंगा जाग रहा था। आज मैंने कुछ अलग करने का सोचा था, ऋतुजा मेरे पास में सो रही थी। मैंने नींद में होने का नाटक करके अपना हाथ उसके पेट पर रख दिया और वो उस समय गहरी नींद में थी, उसे कुछ महसूस नहीं हुआ। फिर मैंने थोड़ी और हिम्मत की और अब में उसके बूब्स को दबाने लगा, वाह दोस्तों उसके क्या मस्त बूब्स थे, बिल्कुल गोल गोल नरम नरम। दोस्तों मैंने आज पहली बार किसी लड़की के बूब्स पकड़े, दबाए और छूकर महसूस किए थे। मुझे यह सब करने में बहुत मज़ा आ रहा था और में ऐसे ही करीब तीस मिनट तक उसके बूब्स पर अपने हाथ फेरता रहा और में उसके बाद में मुठ मारकर सो गया, लेकिन अब उसके बूब्स को दबाने के बाद मेरी हिम्मत बहुत बढ़ चुकी थी और में अब अपनी पढ़ाई में नहीं अपनी बहन को चोदने में अपना पूरा पूरा ध्यान लगा रहा था। फिर से रात हुई और आज मेरी बहन करवट लेकर सोई हुई थी और उसका हाथ उस तकिए पर ही था। फिर मैंने उसका हाथ पकड़कर अपना लंड उसके हाथ में दे दिया और अब में अचानक से हैरान और बहुत परेशान हो गया कि मेरी बहन ने अपना हाथ बंद कर लिया था और उसने मेरे लंड को ज़ोर से पकड़ लिया। अब मुझे बिल्कुल भी समझ नहीं आ रहा था कि में क्या करूं? फिर मैंने सोचा कि में अब इंतजार करके देखता हूँ कि यह इसके आगे क्या करेगी?
अब अगले दस मिनट तक वो ऐसे ही पकड़े रही, लेकिन अब उसके हाथ की गरमी से मेरा 8 इंच का लंड पूरा का पूरा तन चुका था और मुझसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था। फिर में सीधा सो गया, लेकिन अभी भी वो मेरे लंड को पकड़े हुई थी। फिर मैंने हिम्मत करके अपने हाथ से उसके हाथ को पकड़कर हिलाने लगा। दोस्तों अब मेरी बहन मेरा लंड हिला रही थी और फिर कुछ देर बाद में उसके हाथ पर झड़ गया और मेरा वीर्य बहुत सारा उसके हाथ में आ गया। फिर मैंने उसका हाथ अपनी अंडरवियर से साफ किया और उसके हाथ को तकिए पर रख दिया। अगले दिन सुबह वो उठी और उसने मुझे उठाया और मुझसे कहा कि भैया उठो, आज पापा स्कूल नहीं जा रहे है, तुम मुझे कॉलेज छोड़ दो और में उठ गया, लेकिन मैंने देखा कि आज मेरी बहन का व्यहवार मेरे लिए बहुत अलग था, वो आज बहुत हंस रही थी और उसकी इस हंसी में बहुत मस्ती थी। फिर में तैयार हो गया और उसको अपनी बाईक पर बैठाकर कॉलेज छोड़ने निकला और कुछ देर बाद मैंने देखा कि आज तक मेरी बहन ने मुझे कंधे पर नहीं पकड़ा था, लेकिन आज उसने मेरे कंधे पर हाथ रखकर वो मेरे कंधे को दबा रही है, जैसे कोई किसी चीज़ को मस्ती में मसलता है वैसे ही वो मेरे कंधे को मसल रही थी। अब में समझ गया कि वो रात वाली बात उसको पता चल चुकी है और वो उससे बहुत खुश है। दोस्तों अब मेरी खुशी का तो कोई ठिकाना ही नहीं था। मैंने सोचा कि आज मुझे इसके कुछ आगे बढ़ना होगा। फिर दोपहर को वो अपने कॉलेज से आई और उस समय में भी घर में ही था और वो मुझसे छेड़छाड़ करने लगी और में भी उससे मस्ती करने लगा और मैंने मस्ती मस्ती में उसकी गांड पर मारा तो मैंने महसूस किया कि उसकी गांड बहुत ही नरम नरम थी, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं बोली और इतने में मम्मी आ गई और हमने अपनी मस्ती को वहीं पर बंद कर दिया।
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