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Tuesday, 25 April 2017

मामा ने माँ के साथ मेरी कुवारी चुत चोदी मस्तराम हिंदी सेक्स स्टोरी

हेलो दोस्तो, मेरा नाम निधि है और मैं दिल्ली में रही हु। आप मेरी कुवारी चुत की पहली चुदाई की सेक्सी कहानी पढ़ रहे है। कहानी का नाम है मामा ने माँ के साथ मेरी कुवारी चुत चोदी। कहानी पर आती हु मेरी उमर अभी केवल 18 साल है। मैं एकलौती हूँ मेरी माँ भी अभी केवल 35 साल की हैं। मेरे छोटे मामा अक्सर घर आया करते हैं। वो ज़्यादातर मम्मी के कमरे मे ही घुसे रहते हैं। मुझे पहले तो कुच्छ नही लगा पर एक दिन जान ही गयी की मम्मी अपने छोटे भाई यानी मेरे मामा से ही मज़ा लेती हैं। मुझे बहुत आश्चर्य हुआ पर अजीब सा मज़ा भी मिला दोनो को देखकर। मैं जान गयी मम्मी अपने भाई से फाँसी है और दोनो चुदाई का मज़ा लेते हैं। मामा करीब 29 साल के थे। मामा अब मुझे भी अजीब नज़रो से देखते थे। मैं कुच्छ ना बोलती थी।
घर के माहौल का असर मुझ पर भी पड़ा। मामा को अपनी चूचियों को घूरते देख अजीब सा मज़ा मिलता था। अगर पापा नही होते तू मम्मी मामा को अपने रूम मैं ही सुलाती। एक रात मम्मी के रूम मैं कान लगा दोनो की बात सुन रही थी तो दोनो की बात सुन दंग रह गयी।
मामा ने कहा, “दीदी अब तो निधि भी जवान हो गयी है। दीदी आप ने कहा था की निधि का मज़ा भी तुम लेना।”
“औह मेरे प्यारे भैया तुमको रोकता कौन है। तुम्हारी भांजी है जो करना है करो। जवान हो गयी है तू चोद दो साली को। जब मैं निधि की उमर की थी तो कई लंड खा चुकी थी। 5 साल से सिर्फ़ तुमसे ही चुद्वा रही हूँ। आजकल तो लड़किया 14 साल मे चुद्वाने लगती हैं।” मैं चुप चाप दोनो की बात सुन रही थी और बेचैन हो रही थी।
“वा गुस्सा ना हो जाए।”
“नही होगी। तुम गधे हो। पहली बार सब लड़कियाँ बुरा मनती है पर जब मज़ा पाएगी तो लाइन देने लगेगी। ज़रा चूत चाटो।”
“जी दीदी।” वो मम्मी की चूत को चाटने लगा। कुच्छ देर बाद फिर मामा की आवाज़ आई, “पूरी गदरा गयी है दीदी।”
“हाँ हाथ लगाओगे तू और गदराएगी। डरने की ज़रूरत नही। अगर नखरे दिखाए तो पटक कर चोद दो। देखना मज़ा पाते ही अपने मामा की दीवानी हो जाएगी जैसे मैं अपने भैया की दीवानी हो गयी हूँ। चाटो मेरे भाई मुझे चटवाने मैं बहुत मज़ा आता है।”
“हाँ दीदी मुझे भी तुम्हारी चूत्त चाटने मैं बड़ा मज़ा मिलता है।”
मैं दोनो की बात सुन मस्त हो गयी। मन का डर तो मम्मी की बात सुनकर निकल गया। जान गयी की मेरा कुँवारापन बचेगा नही। मम्मी खुद मुझे चुदवाना चाह रही थी। जान गयी की जब मम्मी को इतना मज़ा आ रहा है तो मुझे तो बहुत आएगा। मम्मी तो अपने सगे भाई से चुदवा ही रही थी साथ ही मुझे भी चोदने को कह रही थी।
मम्मी और मामा की बात सुनकर मैं वापस आ अपने कमरे मैं लेट गयी। दोनो चूचियों तेज़ी से मचल रही थी और राणो के बीच की चूत गुदगुदा रही थी। कुच्छ देर बाद मैं फिर खिड़की के पास गयी और अंदर की बात सुनने लगी।
अजीब सी पुक्क पुक्क की आवाज़ आ रही थी। मैने सोचा की यह कैसी आवाज़ है। तभी मम्मी की आवाज़ सुनाई दी, “हाए थोड़ा और। साले बेहन्चोद तुमने तो आज थका ही दिया।”
“अरे साली रंडी बहिन अभी तो 100 बार ऐसे ही करूँगा।”
मैं तड़प उठी दोनो की गंदी बातें सुनकर। जान गयी की पुक्क पुक्क की आवाज़ चुदाई की है और मम्मी अंदर चुद रही हैं। मामा मम्मी को द्धासा धस चोद रहें हैं। तभी मम्मी ने कहा, “हाए बहुत दमदार और मोटा लंड है तुम्हारा। ग़ज़ब की ताक़त है मेरी दो बार झड़ चुकी है। आआअहह बस ऐसे ही तीसरी बार निकलने वाला है। आअहह बस राजा निकला। तुम सच मैं एक बार मैं दो तीन को शांत कर सकते हो। जाओ अगर तुम्हारा मन और कर रहा हो तो निधि को जवान करदो जाकर।”
“कहाँ होगी।”
“अपने कमरे मैं। जाओ दरवाज़ा खुला होगा। मुझमे तो अब जान ही नही रह गयी है।” मम्मी ने तो यह कह कर मुझे मस्त ही कर दिया था। घर मैं सारा मज़ा था। मामा अपनी बड़ी बहन को चोद्ने के बाद अब अपनी कुँवारी भांजी को चोद्ने को तैयार थे।
मम्मी के चुप हो जाने के बाद मैं अपने कमरे मैं आ गयी। जान गयी की मामा मम्मी को चोद्ने के बाद मेरी कुँवारी चूत को चोद्कर जन्नत का मज़ा लेने मेरे कमरे मैं आएँगे। पूरे बदन मे करेंट दौड़ने लगा। रूम मे आकर फ़ौरन मॅक्सी पहनी। मैं चड्डी पहनकर सोती थी पर आज चड्डी भी नही पहनी। आज तो कुँवारी चूत की ओपनिंग थी।
चूत की धड़कन बढ रही थी और चूचियों मे रस भर रहा था। मन कर रहा था की कहदूँ मामा मम्मी तो बूढ़ी है। मैं जवान हूँ। चोडो मुझे।
रात के 11:30 बज चुके थे। दरवाज़ा खुला रखा था। मॅक्सी को एक टाँग से ऊपर चड़ा दिया और एक चूची को गले की और से थोड़ी सी बाहर निकाल दिया और मामा के आने की आहट लेने लगी। मैं मस्त थी और ऐसे पोज़ मे थी की कोई भी आता तो उसे अपनी चखा देती। अभी तक लंड नही देखा था बस सुना था।
10 मिनिट बाद मामा की आहट मिली। मेरे रोएँ खड़े हो गये। मुझे करार नही मिला तो झटके से पूरी चूची को बाहर निकाल आँखें बंद कर ली। जब मामा 35 साल की चूत का दीवाना था तो मेरी 18 साल की देखकर तो पागल हो जाएगा। तभी मामा कमरे मैं आया। मैं गुदगुदी से भर गयी।
जो सोचा था वही हुआ। पास आते ही उसकी आँख मेरी बिखरी मॅक्सी पर राणो के बीच गयी। मम्मी के पास से वापस आने पर मामा का जो मज़ा खराब हुआ था वो अब फिर आने लगा था। वो अपने दोनो हाथ पलंग पर जमा मेरी राणो पर झुका तो मैने आँखे बंद कर ली। मेरी साँस तेज़ हो गयी और मेरी चूचियों और चूत मे फुलाव आ गया। मैने दोनो राणो के बीच 1 फुट का फासला किया और उसे 18 साल की चूत का पूरा दीदार करा रही थी।
कुच्छ देर तक वो मेरी चूत को घूरता रहा फिर मेरे दोनो उभरे उभरे अनारो को निहारता धीरे से बोला, “हाए क्या उम्दा चीज़ है, एकदम पाव रोटी का टुकड़ा। हाए राज़ी हो जाती तो कितना मज़ा आता।” और इसके साथ ही उसने झुककर मेरी चूत को बेताबी के साथ चूम लिया तो पूरे बदन मे करेंट दौड़ गया।
मैं तो सोने का बहाना किए थी। चूम कर कुच्छ देर तक मेरी कुँवारी चूत को देखता रहा फिर झुककर दुबारा मुँह से चूमते एक हाथ से मेरी मॅक्सी को ठीक से ऊपर करता बोला, “हाए क्या मस्त माल है। अब तो तू भी चुदेगि माँ के साथ बेटी की कुँवारी चूत का पूरा मज़ा लूँगा।”
मैने अपने बेहन्चोद मामा के मुँह से अपनी तारीफ़ सुनी तो और मस्त हुई। चूत पे किस से बहुत गुदगुदी हुई और मन किया की उससे लिपट कर कह दूं की अब नही रह सकती तुम्हारे बिना मैं तैय्यार हूँ लूटो मेरी कुँवारी चूत को मामा। पर चुप रही।